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श्री बालाजी आरती | Shri Balaji Ki Aarti

Sunday, August 20, 2023 | Chimniii Desk

परिचय

 

आरती हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पूजा रिवाज है, जिसमें देवी-देवताओं की पूजा करते समय विशेष भक्ति और श्रद्धा का आदान-प्रदान होता है। श्री बालाजी की आरती भक्तों के दिलों में एक अलग स्थान रखती है, क्योंकि हनुमानजी हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं और उनकी आरती का अद्भुत महत्व है।

 

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श्री बालाजी आरती (Shri Balaji Ki Aarti)

 

ॐ जय हनुमत वीरा,
स्वामी जय हनुमत वीरा ।
संकट मोचन स्वामी,
तुम हो रनधीरा ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

पवन पुत्र अंजनी सूत,
महिमा अति भारी ।
दुःख दरिद्र मिटाओ,
संकट सब हारी ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

बाल समय में तुमने,
रवि को भक्ष लियो ।
देवन स्तुति किन्ही,
तुरतहिं छोड़ दियो ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

कपि सुग्रीव राम संग,
मैत्री करवाई।
अभिमानी बलि मेटयो,
कीर्ति रही छाई ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

जारि लंक सिय-सुधि ले आए,
वानर हर्षाये ।
कारज कठिन सुधारे,
रघुबर मन भाये ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

शक्ति लगी लक्ष्मण को,
भारी सोच भयो ।
लाय संजीवन बूटी,
दुःख सब दूर कियो ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

रामहि ले अहिरावण,
जब पाताल गयो ।
ताहि मारी प्रभु लाय,
जय जयकार भयो ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

राजत मेहंदीपुर में,
दर्शन सुखकारी ।
मंगल और शनिश्चर,
मेला है जारी ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

श्री बालाजी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत इन्द्र हर्षित,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

 

 

 

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श्री बालाजी की आरती का महत्व

 

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हनुमानजी को साकार रूप में पूजने का विशेष महत्व है क्योंकि वे भक्तों के प्रेमभाव से प्रेरित होकर उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। उनकी आरती में विशेष भावनाओं के साथ उनकी पूजा की जाती है, जो भक्तों के मनोबल को बढ़ाती है और उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुँचने में सहायक होती है।

 

आरती की महत्वपूर्ण तिथियाँ

 

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श्री बालाजी की आरती का आयोजन प्रतिदिन किया जाता है, लेकिन शनिवार के दिन इसका विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्तों द्वारा आरती के प्रति उनकी श्रद्धा और विशेष प्रेम का प्रकटीकरण होता है।

 

आरती की विशेषता

 

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श्री बालाजी की आरती का उच्चारण करते समय भक्त विशेष भावनाओं में लिपट जाते हैं। आरती के प्रति उनकी श्रद्धा और भक्ति का परिणाम है कि वे भगवान हनुमान के साकार रूप को अपनी आँखों में देख पाते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

 

आरती की विशेष उपयोगिता

 

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श्री बालाजी की आरती का उच्चारण करने से भक्तों के मन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का आभास होता है। यह उनके मानसिक स्थिति को सुधारकर उन्हें जीवन में नई सकारात्मकता प्रदान करता है।

 

आरती का सांगीतिक महत्व

 

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श्री बालाजी की आरती के साथ सांगीतिक उपस्थिति भक्तों के दिलों को छूने का काम करती है। आरती के संगीत को सुनकर भक्तों का मन प्रसन्न हो जाता है और उन्हें एक ऊँचे स्थान की प्राप्ति होती है।

 

आरती का महत्वपूर्ण संकेत

 

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श्री बालाजी की आरती का पाठ करने से न केवल भक्तों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि उन्हें दुर्भाग्य और कष्टों से मुक्ति भी प्राप्त होती है।

 

आरती के फायदे

 

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श्री बालाजी की आरती का नियमित अद्भुत फायदे होते हैं, जैसे कि:

 

  • मानसिक शांति का अनुभव होता है।
  • नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।
  • आत्मा को ऊर्जा का अहसास होता है।

 

समापन

 

श्री बालाजी की आरती के पाठ से भक्तों की आध्यात्मिकता में वृद्धि होती है और उनका संकटों से समर्थन मिलता है। यह आरती भक्तों के दिलों में दिव्य प्रेम की भावना को जगाती है और उन्हें आध्यात्मिक सफलता की ओर अग्रसर करती है।

 

आरती से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

 

1. बालाजी की आरती कितनी बार करनी चाहिए?

 

 बालाजी की आरती को दिन में कम से कम एक बार करना चाहिए, लेकिन अधिकांश भक्त उन्हें प्रतिदिन दो या तीन बार करते हैं।

 

 

2. आरती का पाठ किस समय करना अच्छा होता है?

 

हनुमत बालाजी की आरती का पाठ सुबह और शाम के समय करना अधिक शुभ होता है।

 

 

3. आरती का उच्चारण किस दिन अधिक फलदायक होता है?

 

शनिवार को बालाजी की आरती का उच्चारण करने से विशेष फल मिलता है, क्योंकि शनिवार हनुमानजी के प्रिय दिन माना जाता है।

 

 

4. आरती के बाद क्या करना चाहिए?

 

आरती के बाद भक्तों को प्रार्थना और ध्यान में बने रहना चाहिए, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके।

 

 

5. क्या आरती के पाठ से किसी की मनोकामना पूरी हो सकती है?

 

जी हां, भक्ति और श्रद्धा के साथ बालाजी की आरती के पाठ से किसी की मनोकामना पूरी हो सकती है।

इस प्रकार, हमने देखा कि श्री हनुमत बालाजी की आरती का महत्व क्या है और यह कैसे भक्तों के जीवन में पौराणिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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